Ticker

6/recent/ticker-posts

अजा एकादशी 2025 का महत्व और व्रत-विधि : Aja Ekadashi 2025

 🕉️ अजा एकादशी 2025 का महत्व और व्रत-विधि

अजा एकादशी 2025 का महत्व और व्रत-विधि : Aja Ekadashi 2025



भक्तों,
श्रीहरि विष्णु को समर्पित अजा एकादशी का दिन अत्यंत पावन और फलदायी माना जाता है। वर्ष 2025 में यह एकादशी विशेष संयोग लेकर आ रही है क्योंकि यह 19 अगस्त, मंगलवार को पड़ रही है और ऐसा अद्भुत संयोग पूरे 50 वर्षों के बाद बन रहा है। धर्मग्रंथों में वर्णन है कि जब एकादशी मंगलवार को आती है तो व्रत का फल अनेक गुना बढ़ जाता है।

🌸 तिथि और पारण समय

  • एकादशी तिथि प्रारंभ : 18 अगस्त 2025, शाम 5:22 बजे

  • एकादशी तिथि समाप्त : 19 अगस्त 2025, दोपहर 3:32 बजे

  • उदया तिथि के अनुसार व्रत : 19 अगस्त 2025 (मंगलवार)

  • पारण का समय : 20 अगस्त प्रातः 5:53 से 8:30 तक शुभ रहेगा।

अजा एकादशी का महत्व

  • इस दिन व्रत करने से जीवन के समस्त पाप नष्ट होते हैं।

  • घर-परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है।

  • मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा स्थायी रूप से प्राप्त होती है।

  • पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

🙏 पूजा-विधि

  1. प्रातः काल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

  2. घर के मंदिर को गंगाजल से शुद्ध करें।

  3. भगवान विष्णु की प्रतिमा अथवा चित्र के सामने दीप जलाकर पीले वस्त्र, अक्षत, पीले पुष्प और चंदन अर्पित करें।

  4. विष्णु चालीसा और अजा एकादशी व्रत कथा का पाठ करें।

  5. अंत में भगवान की आरती कर नैवेद्य और भोग अर्पित करें।

  6. अगले दिन पारण के समय अन्न, वस्त्र या धन का दान करना अत्यंत शुभ माना गया है।

⚠️ इस दिन भूलकर भी न करें ये कार्य

  • मांस, अंडा, मछली जैसे तामसिक आहार का सेवन न करें।

  • दही, इमली और अन्य खट्टे पदार्थों का प्रयोग वर्जित है।

  • शराब, गुटखा, तंबाकू जैसी नशे की वस्तुएं व्रत की पवित्रता को नष्ट कर देती हैं।

  • प्याज और लहसुन का सेवन अशुद्ध माना जाता है, इससे भी बचना चाहिए।

  • चावल का सेवन, झगड़ा और असत्य बोलना त्यागें।

  • तुलसी के पत्ते एक दिन पहले ही तोड़ लें, क्योंकि एकादशी के दिन पत्ते तोड़ना अशुभ माना जाता है।

🌿 विशेष नियम और उपाय

  • तुलसी माता पर मौली बांधकर श्रृंगार सामग्री अर्पित करें।

  • पीपल के पेड़ की 11 परिक्रमा कर जड़ में जल अर्पित करें, इससे कर्ज मुक्ति का मार्ग खुलता है।

फल और पुण्य

अजा एकादशी के व्रत से न केवल नकारात्मक ऊर्जा और पाप कर्म नष्ट होते हैं बल्कि यह व्रत पितरों को मोक्ष भी दिलाता है। इसलिए शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन किया गया व्रत, उपवास और पूजा कई जन्मों का संचित पाप हर लेता है और व्यक्ति को श्रीहरि विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।


🙏 भक्तों, इस वर्ष की अजा एकादशी का योग अत्यंत दुर्लभ और शुभ है। आप सभी इस पावन दिन पर व्रत, पूजा और दान अवश्य करें ताकि जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और लक्ष्मी-कृपा बनी रहे।

श्री हरि विष्णु भगवान की जय!
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय!

Post a Comment

0 Comments