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पहला उपाय — महादेव के तीन नामों से तीन दीपक (घर में सुख-शांति हेतु)
सामग्री: आटे के दो-मुखी दीपक (गेहूँ के आटे से बने), घी, गोल बाती, 3 लौंग (एक जोड़ा), 1 काली मिर्च, 7 काले तिल।
कुल दीपक: 3 (तीनों को अलग-अलग स्थानों पर जलाना है)।
समय: रात्रि — सवा पाँच बजे (5:15 pm) के बाद।
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पहला दीपक (मंदिर/घर के भीतर):
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मंदिर में जहाँ शिव की मूर्ति/चित्र हो, वहाँ गोल बाती वाला आटे का दीपक प्रज्वलित करें।
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इस दीपक में एक लौंग का जोड़ा डालें और कुंदकेश्वर महादेव का स्मरण करते हुए अराधना करें।
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यह दीपक घर की समृद्धि, सुख-शांति और परिवार की मनोकामनाओं के पूर्ण होने हेतु है।
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दूसरा दीपक (मुख्य द्वार के बाहर):
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मुख्य दरवाजे के बाहर खड़े होकर, मुख दरवाजे की ओर रहे और दाहिने हाथ से दूसरा आटे का दीपक जलाएँ (गोल बाती)।
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इस दीपक में एक काली मिर्च डालें और चंद्रेश्वर महादेव का स्मरण करें।
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यह दीपक विशेष रूप से धन-संबंधी बाधाएँ, कर्ज या आर्थिक समस्याओं को दूर करने हेतु प्रभावी है।
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तीसरा दीपक (घर के केंद्र में):
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घर के बिल्कुल बीच के स्थल पर तीसरा दीया लगाएँ — यहाँ लंबी बाती (लंबी बाती वाली) प्रयोग करें।
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इसमें 7 काले तिल (पितरों का स्मरण करते हुए) डालें और रंगेश्वर महादेव का नाम ध्यान में रखें।
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यह दीपक पितरों से जुड़ी बाधाएँ, घर के अवरोध और किस्मत का सुधार करता है।
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दूसरा उपाय — शमी-पत्त व पार्थिव शिवलिंग से मनोकामना सिद्धि
सामग्री: 1 बेलपत्र, 1 शमी पत्र (शमी की पत्ती), एक लोटा शुद्ध जल (तांबे के कलश में), पूजा थाली, चंदन, चावल, एक पार्थिव शिवलिंग (शमी के पौधे के नीचे की मिट्टी से निर्मित), घी का दीपक (गोल बाती)।
तरीका:
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पहले से बेलपत्र और शमी पत्र तैयार रखें। रात्रि के सवा पाँच बजे के समय शमी के पेड़/पौधे के नीचे की मिट्टी से छोटा पार्थिव शिवलिंग बनाएं (सिर्फ़ लिंगनुमा आकृति) — बड़े बनवाने की आवश्यकता नहीं।
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उस शिवलिंग पर चंदन और चावल अर्पित करें, एक घी का दीपक जलाएँ (गोल बाती)।
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अपना नाम, गोत्र और जो तिथि है उसे कहकर बेलपत्र समर्पित करें; फिर शमी का पत्ता अर्पित करें और अपनी मनोकामना कहें।
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एक लोटा शुद्ध जल लेकर “श्री शिवाय नमस्तुभ्यम” मंत्र का जाप करते हुए जल समर्पित करें ताकि पार्थिव शिवलिंग का विसर्जन वहीं हो जाए।
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जो बेलपत्र आपने समर्पित किया है, उसे बाद में अपने घर मंदिर में रख लीजिए — जब आपकी मनोकामना पूरी हो जाए तो उस बेलपत्र को किसी नदी/तालाब में प्रवाहित कर देना या किसी पेड़ के नीचे रख देना।
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यह उपाय विशेष रूप से हृदय की गहरी मनोकामनाओं के लिए अचूक बताया गया है।
तीसरा उपाय — धन और वैभव वृद्धि हेतु (मंदिर में करने योग्य)
सामग्री: 1 बेलपत्र (अखंड, छोटा न हो), 21 अक्षत (पूरा चावल), लाल चंदन (थोड़ा सा), एक लोटा शुद्ध जल (तांबे का कलश)।
तरीका (केवल मंदिर में):
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शिवालय में जाकर उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें। (रात्रि 12 बजे भी कर सकते हैं; पर मंदिर में ही करें)।
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पहले एक लोटा शुद्ध जल लेकर “श्री शिवाय नमस्तुभ्यम” मंत्र का स्मरण करते हुए कुंदकेश्वर महादेव के नाम से शिवलिंग पर अर्पित कर दें।
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बेलपत्र की तीनों पत्तियों पर लाल चंदन लगाकर, बीच वाली पत्ती पर 21 अक्षत रखें।
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दाहिना हाथ आगे करके वह बेलपत्र अपने माथे पर रखकर अपना नाम, गोत्र और तिथि बोलें, अपनी कठिनाइयों का उल्लेख करके फिर वही बेलपत्र उल्टा (चावल नीचे आने दें) शिवलिंग पर समर्पित करें — डंडी जलाधारी की ओर हो।
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वापसी पर शिवालय की चौखट पर एक गोल बाती का दीपक जलाकर आएं।
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इस उपाय को परिवार के किसी एक सदस्य द्वारा नियमित रूप से करने से धन-संबंधी बाधाएँ धीरे-धीरे समाप्त होने लगती हैं, कर्ज चुकने, नौकरी या व्यापार में उन्नति के प्रभाव देखे जाते हैं।
दोस्तो, पूज्य गुरु जी के ये उपाय सरल पर अत्यंत प्रभावशाली हैं — श्रद्धा से और नियमपूर्वक करें। अगर आपको यह वीडियो पसंद आया हो तो लाइक करिए, चैनल को सब्सक्राइब कीजिए और नीचे कमेंट में “देवाधिदेव महादेव” लिखकर बताइए कि आपने कौन-सा उपाय आज अपनाया। अगर आप चाहें तो मैं इन उपायों का वीडियो में स्टेप-बाय-स्टेप विजुअल गाइड भी बना दूँ — बताइए।
हर हर महादेव — जय महाकाल!

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