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रक्षाबंधन 2025 विशेष: किन वस्तुओं को ससुराल ना लाएं वरना हो सकती है बर्बादी - जानिए शुभ-अशुभ संकेत, मुहूर्त और उपाय

 रक्षाबंधन 2025 विशेष: किन वस्तुओं को ससुराल ना लाएं वरना हो सकती है बर्बादी - जानिए शुभ-अशुभ संकेत, मुहूर्त और उपाय

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हरे कृष्णा!

रक्षाबंधन का पर्व हिन्दू सनातन संस्कृति का एक बेहद पवित्र और भावनात्मक त्यौहार है, जो हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लंबी उम्र और सुरक्षा की कामना करती हैं, और भाई बहनों को जीवनभर रक्षा का वचन देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ गलतियां ऐसे मौके पर भारी पड़ सकती हैं?


शास्त्रों और लोक मान्यताओं के अनुसार रक्षाबंधन पर की गई एक छोटी सी गलती, विशेषकर भद्रा काल में राखी बांधना या कुछ अशुभ चीजें ससुराल ले आना, पूरे घर-परिवार पर भारी पड़ सकती है। यहां हम आपको विस्तार से बताएंगे कि रक्षाबंधन 2025 में कब है, शुभ-अशुभ समय क्या है, और किन चीजों को इस दिन भूलकर भी घर नहीं लाना चाहिए।


🗓 रक्षाबंधन 2025 की तिथि और शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ: 8 अगस्त 2025 (शुक्रवार) दोपहर 2:13 बजे


पूर्णिमा तिथि समाप्त: 9 अगस्त 2025 (शनिवार) दोपहर 1:24 बजे


🔸 राखी बांधने का शुभ मुहूर्त:

9 अगस्त सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक

(इस समय के बाद प्रतिपदा तिथि प्रारंभ हो जाएगी।)


🔸 भद्रा काल:

8 अगस्त दोपहर 2:12 बजे से लेकर 9 अगस्त तड़के 1:52 बजे तक रहेगा।

यह भद्रा पाताल लोक में है, इस कारण शास्त्रों के अनुसार यह भद्रा धरतीवासियों के लिए उतनी हानिकारक नहीं मानी जाती, फिर भी इस दौरान राखी बांधने से बचना चाहिए।


⚠ भद्राकाल में राखी बांधने के दुष्परिणाम

शास्त्रों में वर्णन है कि भद्राकाल में मांगलिक कार्य करना अत्यंत अशुभ होता है।

एक पौराणिक कथा के अनुसार रावण ने भद्राकाल में बहन से राखी बंधवाई थी और परिणामस्वरूप उसी वर्ष उसका सर्वनाश हो गया।


भद्रा स्वयं शनिदेव की बहन हैं और माना जाता है कि उन्होंने ब्रह्मा जी से ऐसा श्राप प्राप्त किया है कि उनके काल में शुभ काम करने का परिणाम उल्टा ही होता है।


🧿 भूलकर भी न लाएं ये चीजें मायके से – वरना विनाश तय है

रक्षाबंधन जैसे पावन दिन यदि बेटियां या बहनें अपने मायके से अपने ससुराल इन वस्तुओं को लेकर आती हैं, तो घर में दरिद्रता, अशांति और संकट आ सकते हैं:


तेज धार वाली वस्तुएं (चाकू, छुरी, ब्लेड आदि)

➤ रिश्तों में कटुता और अलगाव के संकेत।


काला कपड़ा या काली राखी

➤ अशुभता और नकारात्मक ऊर्जा को निमंत्रण।

अचार

➤ परिवार में खटास और मतभेद उत्पन्न कर सकता है।

मिर्च-मसाले

➤ पति और पत्नी के रिश्तों में तनाव तथा झगड़े।

चूल्हा या तवा

➤ बहन अपने घर से चूल्हा लाकर अपने जीवन में नई समस्याएं आमंत्रित करती है।

सफेद कपड़े

➤ वैराग्य और शोक का प्रतीक माने जाते हैं।

चप्पल-जूते

➤ रिश्तों में दूरी व तिरस्कार का प्रतीक।

🙏 पूजन विधि व सावधानियां

स्नान के बाद नए वस्त्र पहनें, काले रंग से बचें।


पूजा थाली में रखें: रोली, चंदन, अक्षत, राखी, मिठाई, दिया।

सबसे पहले भगवान को राखी चढ़ाएं, फिर भाई को बांधें।

भाई को दायें हाथ की कलाई पर राखी बांधें और भाई को तिलक, अक्षत, आरती करें।

भाई वचन दें: "मैं तेरी रक्षा करूंगा, माता-पिता जैसे तेरा ख्याल रखूंगा।"


🍛 रक्षाबंधन के दिन क्या खाना बनाएं?

रक्षाबंधन के दिन खाना शुद्ध और सात्विक होना चाहिए। लहसुन, प्याज, मांस इत्यादि निषिद्ध हैं।

बनाएं ये व्यंजन:

  • मीठी सेवइयां
  • खीर
  • पूड़ी व आलू की सब्जी
  • मटर पुलाव, पनीर पुलाव
  • खीरे का रायता
  • रसीले फल


भोग जरूर लगाएं और भगवान को न्योछावर करें।


🌿 उपाय जो भाई को बनाएगा धनवान और सुरक्षित

राखी बांधने के बाद कुछ सिक्के लेकर सात बार भाई के ऊपर से उतारें।


उन सिक्कों से उपाय स्वरूप राखी खरीदें और पीपल के पेड़ को राखी बांधें।


पेड़ पर तिलक करके मीठा भोग अर्पित करें।


इससे भाई को नजर, दोष, negativity से सुरक्षा मिलेगी और तरक्की का मार्ग खुलेगा।


☄ भद्रा काल में राखी बाँध दी तो करें ये उपाय

भद्रा के 12 नामों का जाप करें।


भद्रा देवी की पूजा करें, उनका मानसिक रूप से आदर करें।


मां लक्ष्मी और देवताओं का पूजन कर भाई की लंबी उम्र की कामना करें।


🔮 अगर बहन भाई के पास नहीं जा सकती तो क्या करे?

भगवान श्रीकृष्ण, गणेश या विष्णु को भाई का रूप मानकर राखी बांधें।


विश्वास किया जाता है कि ईश्वर उस राखी को भाई तक पहुंचा देते हैं।


इस पूजा के बाद प्रसाद बांटें और भाई को दूर से शुभकामनाएं दें।


🙌 विशेष मंत्र

“ॐ यं भ्रातृभ्यां नमः।”

यह मंत्र राखी बांधते समय जपें। यह रिश्ते को अटूट बनाए रखता है।


🏁 निष्कर्ष:

रक्षाबंधन सिर्फ एक पर्व नहीं बल्कि एक धार्मिक, आध्यात्मिक और भावनात्मक बंधन है। इस दिन शास्त्रों के अनुसार सही विधि-विधान, समय और संयम का पालन करना अत्यंत आवश्यक है।


बेटियों और बहनों से विनम्र निवेदन है कि रक्षाबंधन के दिन शुभ वस्तुएं ही अपने साथ लाएं, ताकि आपके दाम्पत्य सुख और परिवार की समृद्धि सदैव बनी रहे।


🌼 हर हर महादेव! हरे कृष्णा! जय श्री कृष्ण!

राखी के इस शुभ अवसर पर भगवान से प्रार्थना है कि हर बहन का भाई अमर, स्वस्थ और सफल हो।


अगर यह जानकारी उपयोगी लगी हो तो कृपया इसे दूसरों के साथ साझा करें, कमेंट करें – ‘जय श्री कृष्णा’ और हमें लिखें कि आपकी राखी कैसी रही।

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